बुधवार, अप्रैल 22, 2009

इकबाल बानो के स्‍वर में जम्‍हूरिय‍त की आवाज़

Iqbal Bano

 

सवेरे सवेरे ख़बर पढ़ी की विख्‍यात ग़ज़ल गायिका इकबाल बानो का मंगलवार को लाहौर में निधन हो गया।

आज उनकी याद में उन्‍हीं की आवाज़ में कलामे-फैज़

 

 

 

 

हम देखेंगे
लाज़िम है कि हम भी देखेंगे
हम देखेंगे .......
वो दिन कि जिसका वादा है
जो लौह-ए-अजल में लिखा है
हम देखेंगे .......
जब जुल्म ए सितम के कोह-ए-गरां
रुई की तरह उड़ जाएँगे
हम महकूमों के पाँव तले
जब धरती धड़ धड़ धड़केगी
और अहल-ए-हक़म के सर ऊपर
जब बिजली कड़ कड़ कड़केगी
हम देखेंगे .......
जब अर्ज़-ए-खुदा के काबे से
सब बुत उठवाये जायेंगे
हम अहल-ए-सफा, मरदूद-ए-हरम
मसनद पे बिठाए जाएंगे
सब ताज उछाले जाएंगे
सब तख्त गिराए जाएंगे
हम देखेंगे .......
बस नाम रहेगा अल्लाह का
जो गायब भी है हाजिर भी
जो नाजिर भी है मंज़र भी
उठेगा अनलहक का नारा
जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
और राज करेगी ख़ल्क-ए-ख़ुदा
जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
हम देखेंगे .......

- फैज़

3 टिप्‍पणियॉं:

नीरज गोस्वामी ने कहा…

दुःख की खबर....अब उनकी खनकती आवाज सुनने को नहीं मिलेगी...
नीरज

संगीता पुरी ने कहा…

श्रद्धांजलि ..

Asha Joglekar ने कहा…

Gazal aaj bhee kitani samayik hai. aur ikbal bano ji ki awaj bhee behad badhiya. aisi awaj ab aur nahee sun payenge ye dukh to hai.