गुरुवार, फ़रवरी 21, 2008

तस्‍वीरों के बहाने

बचपन से डैडी कों फोटोग्राफी करते देख रहे हैं इसलिए फोटोग्राफी ने छुटपन से ही आकर्षित किया है। आज के इस डिजिटल युग में फोटोग्राफी काफी सस्‍ती हो गई है। हॉं शुरुआती खर्चा ज़रुर है कैमरा लेने का पर उसके बाद तो चाहे जितनी तस्‍वीरें लिजिए, फिल्‍म खत्‍म होने की कोई चिन्‍ता नहीं। साथ ही फिल्‍म धुलवाने और फोटो बनवाने का झंझट भी खत्‍म। जो तस्‍वीर पसंद ना आए हाथों-हाथ डिलीट कर दीजिए।
मुद्दे कि बात यह कि मैंने भी एक कैमरा ले लिया है कुछ दिनों पहले। चूंकि कैमरा लेने के बाद नया-नया शौक है तो घर के कुर्सी मेज सोफा टेबल कप प्‍लेट बाल्‍टी और जो कुछ भी मिल सका सबकी फोटो ले डाली है।
उनमें से कुछ फोटो यहॉं पोस्‍ट कर रहा हूँ। देखें कैसी लगती हैं आपको। टिप्‍पणी किजिएगा।



पहचानिए ज़रा। बिल्‍कुल सही पहचाना। यह वही जॉनसन इअर बड्स हैं।

कोशिश करें इसे पहचानना भी मुश्किल नहीं।




यह सारी और कुछ और तस्‍वीरें आप फ्लिकर पर मेरे पन्‍ने पर देख सकते और चाहे तो वहॉं भी टिपिया सकते हैं। तस्‍वीरों के बारे में तकनीकी जानकारी भी आपको वहीं मिल जाएगी।

8 टिप्‍पणियॉं:

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

चलो आप कैमरे वाले हुए। हम अभी हसरत रखे हैं। भैया यह तो बताओ कि कभी आप की कोई तस्वीर अपने ब्लॉग पर उपयोग तो कर सकते हैं?

Yunus Khan ने कहा…

सारी तस्‍वीरें देखीं, फ्लिकर वाली भी, फोटोग्राफी का शौक़ हमें भी है, बताएं कौन सा कैमेरा लिया है, कितने मेगा पिक्‍सेल का है । कम से कम एक पोस्‍ट अपने कैमेरे पर ही लिखिए । हमारे पास है कैनन पावरशॉट फाईव मेगा पिक्‍सेल । दो साल पहले लिया था, लेकिन अपन अपने मोबाईल कैमेरे का खूब इस्‍तेमाल करते हैं ।

mamta ने कहा…

तस्वीरें बहुत सुंदर है।तीन साल पहले जब से हमने डिजिटल कैमरा लिया है अपना भी यही हाल है।

Udan Tashtari ने कहा…

बेहतरीन तस्वीरें.

Sanjeet Tripathi ने कहा…

बढ़िया तस्वीरें!
अच्छी लगी!

Unknown ने कहा…

अहो भाग्य हमारे ,आप पधारे तो सही... ,वर्ना हम तो रोज़ाना आपके यहाँ आकर खाली हाथ ही लौट रहे थे।

Manish Kumar ने कहा…

sundar tasweerein hain . Buds wali khas pasand aayi camara angle ke hisab se

बेनामी ने कहा…

फिर लिखूं बहुत प्यारे फोटोज लिए हैं आपने?क्यों लिखूं? अभी तो आपके लिए गए सारे फोटोज फ्लिकर पर जा कर देखने हैं.आपके फोटोज आपके बारे तला रहे हैं.छोटी छोटी चीजों में खूबसूरती देख लेने को कलाकार की नजर कहते हैं.चित्रों ने साहित्य और इतिहास रचे हैं.है ना?