बुधवार, अप्रैल 22, 2009

इकबाल बानो के स्‍वर में जम्‍हूरिय‍त की आवाज़

Iqbal Bano

 

सवेरे सवेरे ख़बर पढ़ी की विख्‍यात ग़ज़ल गायिका इकबाल बानो का मंगलवार को लाहौर में निधन हो गया।

आज उनकी याद में उन्‍हीं की आवाज़ में कलामे-फैज़

 

 

 

 

हम देखेंगे
लाज़िम है कि हम भी देखेंगे
हम देखेंगे .......
वो दिन कि जिसका वादा है
जो लौह-ए-अजल में लिखा है
हम देखेंगे .......
जब जुल्म ए सितम के कोह-ए-गरां
रुई की तरह उड़ जाएँगे
हम महकूमों के पाँव तले
जब धरती धड़ धड़ धड़केगी
और अहल-ए-हक़म के सर ऊपर
जब बिजली कड़ कड़ कड़केगी
हम देखेंगे .......
जब अर्ज़-ए-खुदा के काबे से
सब बुत उठवाये जायेंगे
हम अहल-ए-सफा, मरदूद-ए-हरम
मसनद पे बिठाए जाएंगे
सब ताज उछाले जाएंगे
सब तख्त गिराए जाएंगे
हम देखेंगे .......
बस नाम रहेगा अल्लाह का
जो गायब भी है हाजिर भी
जो नाजिर भी है मंज़र भी
उठेगा अनलहक का नारा
जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
और राज करेगी ख़ल्क-ए-ख़ुदा
जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
हम देखेंगे .......

- फैज़

सोमवार, अप्रैल 13, 2009

कांग्रेस के बारे में कुछ नई जानकारी

कक्षा आठ या नौ में इतिहास की किताब में कांग्रेस के गठन के बारे में बताया था कि श्री एलन ऑक्‍तावियन ह्यूम ने 1885 में कांग्रेस का गठन किया।

नरेन्‍द्र मोदी ने कांग्रेस को 125 साल की बुढि़या क्‍या बोला, कांग्रेसी हत्‍थे से उखड़ गए। अब जिसकी पैदाइश के बारे में इतिहास की किताबों में पढ़ाया जाए, मेरी समझ से तो वो बुज़ुर्गों की श्रेण्‍ाी में ही आएगी। खैर छोडि़ये, चुनावों का मौसम है, इसमें तो यह सब चलता ही रहेगा। वैसे भी होली और चुनावी मौसम में सारे झूठ, सच।

अब वो जिसके कारण य‍ह पोस्‍ट लिखी गई ---

भारत को आज़ादी दिलाने में किसी पार्टी का योगदान है तो वो केवल कांग्रेस। कांग्रेस ही वह पार्टी है जिसने भारत को आज़ाद कराया। गांधी, नेहरु, पटेल सब कांग्रेस के ही थे।आज़ादी की लड़ाई के सारे बड़े नेताओं ने कांग्रेस के झण्‍डे के नीचे की भारत से अंग्रेज़ो को बाहर खेदेड़ा।

1947 ही नहीं बल्कि आज़ादी की पहली जंग भी कांग्रेस के नेत़त्‍व में ही लड़ी गई। झांसी की रानी लक्ष्‍मी बाई, तात्‍या टोपे ने भी और आखिरी मुगल ज़फ़र .......... उसके बाद सब सन्‍नाटा हो गया।

यह सब मैं नहीं कह रहा। यह तो कुछ दिन पहले घर के सामने हो रही कांग्रेस की चुनावी सभा में कोई श्री कांग्रेसी ही बोल रहे थे। मैं तो केवल सुन ही पाया। दर्शनलाभ भी नहीं मिला। जबतक दर्शनलाभ करने जाता तबतक लोगों ने वक्‍ता को माइक से दूर खींच लिया था या बिजली बंद कर दी थी पता नहीं पर जाते-जाते वो श्री कांग्रेसी ऐसा ज्ञान दे गए जो पूरे स्‍कूली जीवन की इतिहास की किताबों में न मिला।

जय कांग्रेस, जय भारत के नेता और जय लोकतंत्र

ऐसे में श्री शरद जोशी का वो व्‍यंग्‍य लेख याद आता है जिसमें उन्‍होने घोषणा की थी कि भारत में जो कुछ है वाे एक दिन कांग्रेस हो जाएगा। मेरे पास शायद उसकी टेप है जन्ल्‍द ही पोस्‍ट करता हूँ।